सिर्फ 75 घर वाला ये गांव देश को दे चुका है 47 आईएएस और आईपीएस ऑफिसर
story of up jaunpur village Madho Patti: उत्तर प्रदेश का एक जिला है जौनपुर, वहां का एक गांव है माधोपट्टी.इस गांव से काफी बड़ी संख्या में युवा यूपीएससी की परीक्षा पास करके बड़े पदों पर आसीन हैं. गांव के लोग बताते हैं कि गांव में पढ़ने लिखने का अच्छा माहौल है, जिसकी वजह से यहां से अधिकतर छात्र सिविल सेवा की परीक्षाएं पास करते हैं.
हिंदी पर आप हर रोज UPSC परीक्षा पास करने वाले कैंडिटेट्स के संघर्ष, कामयाबी की कहानियां पढ़ते हैं. आज की कहानी थोड़ा और ज्यादा खास है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं, देश के उस गांव के बारे में जहां से देश को सबसे ज्यादा IAS IPS मिले हैं. ये गांव है UP की राजधानी लखनऊ से करीब 300 किलोमीटर दूर जौनपुर जिले का गांव माधोपट्टी.
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं मात्र 75 घर वाला माधोपट्टी गांव देश को 47 आईएएस और आईपीएस ऑफिसर दे चुका है. यूपीएसीसी के अलावा भी बड़े पदों पर काम कर रहे गांव के निवासियों को शामिल करें तो कुल मिलाकर 51 लोग बड़े पदों पर तैनात हैं. 47 आईएएस आईपीएस ऑफिसर देने वाला यह छोटा सा गांव है मीडिया के आकर्षण का केंद्र भी बन चुका है.
माधोपट्टी गांव से पहली बार साल 1952 में डॉ इंदुप्रकाश ने यूपीएससी में दूसरी रैंक हासिल की थी. उन्हें आईएएस पद मिला था. डॉ इंदुप्रकाश के चार भाई भी आईएएस अधिकारी बने. इंदुप्रकाश फ्रांस समेत कई देशों के राजदूत रह चुके हैं. साल 2002 में डॉ इंदुप्रकाश के बेटे यशस्वी 31वीं रैंक हासिल कर आईएएस बने. गांव के लोगों के हवाले से लिखी गईं रिपोर्ट्स बताती हैं कि ऊंचें पदों पर काम करने वाले ज्यादातर लोगों का गांव से नाता नहीं के बराबर है.
गांव के एक टीचर कार्तिकेय सिंह ने मीडिया को बताया गांव से इतनी बढ़ी तादाद में यूपीएसी व अन्य बड़े पदों की भर्ती परीक्षा पास करने का श्रेय जौनपुर जिले के तिलक धारी सिंह पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज को भी जाता है. टीचर कार्तिकेय सिंह ने कहा, छात्र कॉलेज टाइम ही सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी का बेसिक सीखना शुरू कर देते हैं. कह सकते हैं स्टूडेंट्स का बेसिक यहीं से क्लियर करने तक की कोचिंग उन्हें मिल जाती है.
गांव के निवासी रणविजय सिंह ने मीडिया को बताया माधोपट्टी गांव से आईएएस के अलावा कई पीसीएस अधिकारी भी बने हैं. गांव की महिलाएं भी पीसीएस अधिकारी बनी हैं. गांव से न केवल पुरुष अधिकारी IAS IPS बने, बल्कि बेटियों और बहुओं ने भी परचम लहराया है. अफसर बने गांव के युवक-युवतियों ने अपने-अपने क्षेत्र में नाम रौशन किए लेकिन गांव नहीं चमका सके. उच्च प्रशासनिक पदों पर नौकरी करने वाले लोग गांव के विकास को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित नहीं कर सकें.
Real All In One Solution




No comments:
Post a Comment